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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

चाय गेरेमे..चाय गेरेमे 😍

चाय गेरेमे..चाय गेरेमे,
चाय - चाय - चाय !!
चाय बोलो..चाय बोलो,
चाय - चाय - चाय !!

जब भी ट्रेन में बैठते यारो,
थोड़ी उब लगे जब यारो !!
इक आवाज है प्यारी लगती !!
चाय --
चाय गेरेमे चाय गेरेमे,
अदरक वाली चाय !!
लौंग वाली चाय !!

पसंद न आये तो,
पैसा न देना !!
पीके लेकिन,
पैसा न माँगना !!
पीके दोबारा फिर मांगेंगे,
कड़क ये मेरी चाय !!
अमृत तुल्य ये चाय !!

वेदव्यास मिश्र की कड़क 💝चाय😍


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सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (12)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

पसंद न आये तो,पैसा न देना !!पीके लेकिन, पैसा न माँगना !!...🤣🤣🤣 बहुत ही अच्छी रचना और चाय ..

वेदव्यास मिश्र said

रीना कुमारी प्रजापत जी, हाँ नई तो, जब पी लिया तो पैसा वापस किस बात का 😍😍 अब बहस करे तो अपनी बला से !! वैसे,कई लोगों का चाय बहुत अच्छा होता है..हम उस स्टेशन से दोबारा जब गुजरते हैं तो यक़ीनन उस चाय वाले को दोबारा जरूर खोजते हैं..उसकी अदा..उसके अंदाज, उसकी वो मजाक करने की शैली को जरूर खोजते हैं और नहीं मिलने पर उसे मिस भी करते हैं !! अगर आपको चाय पीना है..वो भी कड़क तो घर आइये कभी !! मैं अपने हाथों से बनाकर पिलाऊँगा आपको और आप मुझे..ठीक है ना..एकाध गाना भी बन जायेगा चाय के ऊबलते-उबलते तक 🙏😍😍🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

आपकी चाय बहुत ही कड़क और मीठी लगी सर जी। आपकी कविता ने एक सामान्य जीवन को भी विशेष मान्यता दे दी।

वेदव्यास मिश्र said

सब आप दोस्तो का प्यार है..मोहब्बत है भाई !! बिना शुभचिन्तकों के दुआ और शुभकामना के रचनाकार का एक पत्ता तक नहीं हिल सकता 🙏💝💝🙏

शिवचरण दास said

एक नया भाव नई अभिव्यक्ति. ..वाह वाह

वन्दना सूद said

वाह चाय ☕️ की चाह उठ गई आपकी लेखनी पढ़ कर 👏👏👌👌जैसी भी होगी हम पी लेंगे

वेदव्यास मिश्र said

वन्दना सूद जी, बिलकुल आइये अभी मैम..मैं तो सुबह से ही इन्तज़ार कर रहा हूँ !! मेहफ़िल जमी है शायरों और कवियों की !! बस आपकी कमी है !! ये तो आपका बड़प्पन है जी 🙏💝💝🙏

वेदव्यास मिश्र said

शिवचरण दास जी, मैं तो इसे आप जैसे शुभचिन्तकों का प्रतिफल मानता हूँ !! आभार भाई 🙏💝💝🙏

पवन कुमार "क्षितिज" said

बहुत अच्छे ..👌

वेदव्यास मिश्र said

पवन कुमार "क्षितिज" जी, आपकी प्यार भरी पाती पाकर मैं पुन: चाय बनाने लगा हूँ भाई पवन जी !! ये चाय पत्ती डाली रेड लेबल की.ये अदरक को कूटा..साथ में लौंग लायची और चार काली मिर्च डालके उबाल दिया.. अब इसमें हैदराबादी स्टाइल दूध मिलाया ..कड़क ..दोस्तो की मेहफिल में बैठेंगे फिर फुर्सत एकाध दिन ..स्वागत है 🙏💝💝🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

वाह! चाय की इस प्यारी महफ़िल ने दिल को ताज़गी और खुशबू से भर दिया। सच में, चाय ही तो वो साथी है जो हर सफर को यादगार बना देता है! - Saadar Pranam Adarneey Acharya Ji..

वेदव्यास मिश्र said

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' जी, आभार भाई ..जब टेन्शन में हो किसी वजह से हम और चाय मिल जाये तो क्या कहना !! सबसे अच्छी बात इ है..हम अभी चाय ही पी रहा हूँ..आइये ,बैठते हैं पचौरी जी बनारस में 🙏🙏💝💝🙏🙏 नमन हृदयस्पर्श !!

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