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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

दिल तोड़ दिया

जिनसे बहुत प्यार करते हैं हम,
आज उन्हीं का दिल तोड़ दिया।
जिनसे कभी नाराज़ नहीं होते,
आज उन्हीं को उदास कर दिया।

अब समझ नहीं आ रहा
उनसे माफ़ी मांगे कैसे?
उनसे फिर से बात शुरू करे कैसे ?

जिनसे कभी कोई शिकायत नहीं रही हमे,
आज उन्हीं को शिकायत का मौका दे दिया।
जिन्हें खुद से ज़्यादा चाहा,
आज उन्हीं को ख़फ़ा कर दिया।

मेरा मक़सद नहीं था उन्हें दुःखी करने का,
शायद मेरी बात का उन्हें बुरा लग गया।
मैंने कहा कुछ और उन्होंने समझा कुछ और है
तभी तो वो मुझसे नाराज़ हैं,
अब करूं तो करूं क्या?
दिल ये बहुत बेचैन है।

🖊️ रीना कुमारी प्रजापत 🖊️




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

Lekhram Yadav said

किसकी बात कर रही हो ब।ना हम तो कभी नाराज नहीं हुए, क्योंकि आपकी समस्या ने हमें नाराज होने का मौका ही नहीं दिया। आप खुश रहें यही हमारे लिए काफी है।

रीना कुमारी प्रजापत replied

Humne apko kuch nhi bataya isliye kahin na kahin apko bura to laga hi hoga.... Khair ye rachna 1 mahine pahle ki hai.. kisi or ko samarpit hai

वन्दना सूद said

नाराज़गी तो शब्दों में होनी चाहिए और दिल में सिर्फ़ अपनापन 👌👌सुन्दर पंक्तियाँ

रीना कुमारी प्रजापत replied

जी बिल्कुल, आभार आपका

श्रेयसी said

Achhi dilkashi 🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanku so much 🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Sundar abhivyakti...

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanks bhaiyya

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