न कोई है अपना
ना कोई पराया
दिखाया है सबने माया का झूठा साया
मेरे मरने के बाद सबने जश्न ही मनाया
मिठाइयां है बांटी और dj है बजाया
बड़े बड़े पंडाल में है मूर्खो को खिलाया
मेरी ही पार्टी थी और मुझे नहीं बुलाया
मेरे मरने के बाद सबने जश्न ही मनाया
अपनो ने मुझको शमशान में बिठाया
पाला था मैं जिसको उसी ने आग लगाया
साला कुत्तों की फौज ने शेर का जनाजा है निकाला
मेरे मरने के बाद सबने जश्न ही मनाया
मैं मर गया था सब सेल्फी ले रहे थे
जैसे बारात जा रही हो सब तैयार हो रहे थे
हरामखोर कमीनो ने मुझको है रुलाया
मेरे मरने के बाद सबने जश्न ही मनाया

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




