तुम भारत-पुत्र बता सबको !
---------------
नित पाठ नई नित राह नई।
अपने मन में नित चाह नई।।
तुम दीप जला तम दूर भगा।
मन की दिखला निज ज्ञान जगा।।
हट के बढ़ के समझा जग को।
तुम भारत-पुत्र बता सबको।।१
तुम राम बनो तुम कृष्ण बनो।
बल बुद्धि बढ़ा अति तीक्ष्ण बनो ।।
कर से कर के तुम कर्म सदा।
लहरा नभ में तुम धर्म ध्वजा।।
बढ़ जा इतना लजवा नग को।
तुम भारत-पुत्र बता सबको।।२
अपनी प्रतिभा पर ध्यान सदा।
सरसो भर ना अभिमान बढ़ा।।
रच प्रेम कथा इतना जग में ।
हिय में बस के चमको सब में।।
अरि जो जग के अजमा सब को।
तुम भारत-पुत्र बता सबको।।३
तुम को हम को जग में सब को।
बतला दिखला चलना हमको।।
हम भारत के पहचान सभी।
मत हो इससे अनजान कभी।
अपना गुण धर्म जता सबको।
तुम भारत-पुत्र बता सबको।।
✍️- प्यासा

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




