उनसे जुड़ी हर तारीख़ याद है मुझे,
आये जब वो हमारी ज़िंदगी में वो दिन भी
याद है मुझे।
फिर आज का दिन कैसे भूल सकती हूॅं ?
आज तो पहली बार मिली थी मैं उन्हें और वो मुझे।।
उनकी सारी बातें याद है मुझे जो सुनी थी
माॅं के मुॅंह से,
क्या कहते हैं वो क्या नहीं ये सब सुना था माॅं से। फिर आज की बातें कैसे भूल सकती हूॅं ?
आज के दिन तो बातें हुई थी खुद मेरी उनसे।।
आज के दिन बहुत खुश थी मैं,
पहली बार जो उनसे मिल रही थी मैं।
कभी सोचा न था कि जो चले गये थे वो फिर आयेंगे, जो मिले नहीं मुझसे कभी वो आज मुझसे मिलेंगे।।
उनसे जुड़ी हर तारीख़ याद है मुझे,
भेजते थे माॅं के साथ अपना आशीर्वाद मेरे लिए
वो दिन भी याद है मुझे।
फिर आज का दिन कैसे भूल सकती हूॅं ?
आज तो खुद मेरे सिर पर हाथ रख
आशीष देने आये थे वो मुझे।।
✍️ रीना कुमारी प्रजापत