हास्य -व्यंग्य
धोखा देना तेरी फितरत है
डॉ.एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
शहर में चर्चा थी तेरी अदा की,
हर गली में कहानी तेरी वफ़ा की।
हमने भी सोचा, ये कैसा जादू है,
तेरी तो बातों में भी मीठा-सा शहद है।
दिल तो दिल, हमने तो दे दी थी जाँ,
तूने तो फिर भी न मानी, अपनी आदत से शान।
सुबह कह दिया 'हमसफ़र' हैं तेरे,
शाम को ही, बाइक पे कोई और थे तेरे।
तूने वादा किया था, चाँद-तारे तोड़ने का,
पता चला तू तो आलू-गोभी भी नहीं लेता है मोड़ने का।
कभी कहता था 'तू ही मेरी प्रेरणा है',
पता चला तू तो सिर्फ़ 'वाईफाई' का कनेक्शन चाहता है।
अब तो दिल में सिर्फ़ एक ही आहट है,
धोखा देना तेरी फितरत है।
परेशान हूँ मैं, तू क्यों इतना खुश है?
क्योंकि तेरा अगला शिकार मैं नहीं, कोई और शख्स है!

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




