फ़रियाद करने की जरूरत क्या थी।
सास टूटी तन की अहमियत क्या थी।।
मोह में पडकर मुरीद सब हुए तुम्हारे।
डूबते सूर्य से इतनी आसक्ति क्या थी।।
बहुत अजीब क़ायनात के नियम देखे।
खपा दिया शरीर 'उपदेश' भक्ति क्या थी।।
- उपदेश कुमार शाक्य वार 'उपदेश'
गाजियाबाद