उसके जाने के बाद मैंने गुलाब कभी छुआ नहीं,
दूर से देखा पर पास गुलाब के कभी गई नहीं।
वजह वही था जो पहली बार गुलाब पनपा मेरे घर,
वरना उससे पहले मेरे घर कभी गुलाब खिला नहीं।
एक टक लगाए घोर से देखती हूॅं हर पल उसे,
पर पास पहले सा जाने को दिल अब करता नहीं।
गुलाब बड़ा पसंद था, उसकी पनाह में सुकून था,
पर गया मेरा प्यार जब से,अब कुछ पसंद रहा नहीं।
🌹रीना कुमारी प्रजापत 🌹
सर्वाधिकार अधीन है


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
The Flower of Word by Vedvyas Mishra







