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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

खरा उतरना है...

जिंदगी की ठोकरों ने सिखाया गिरना और संभलना है,
मंज़िल की राह पर  तो कांटों पर भी चलना है,
ये वादा रहा अब मेरा खुद से कि कुछ तो करामत करना है,
जो आश लगाए है अपनों ने मुझसे उनकी उम्मीदों में मुझे खरा उतरना है..!

–कमलकांत घिरी.✍️




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

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Lekhram Yadav said

बहुत खूबसूरत रचना , हमें भी इन्तज़ार है कि आप हमारी और अपने परिजनों की उम्मीदों पर खरे उतरें, रचना बहुत खूब सूरत है आपको सादर नमस्कार।

कमलकांत घिरी replied

बहुत धन्यवाद सहित आभार सर जी🙏 आपका आशीर्वाद रहा तो एक दिन जरूर कुछ करामत हो ही जायेगा, आपको मेरा सादर प्रणाम सर जी 🙏🙏💐

रीना कुमारी प्रजापत said

हमारा हाल बयां कर दिया आपने, बिल्कुल हमे अपनों की उम्मीदों पर खरा उतरना है...heart touching lines 👏👌

कमलकांत घिरी replied

बहुत शुक्रिया रीना दीदी 🙏 ये हाल तो आज कल उन सभी युवक यवतियों की है दीदी जी जो कुछ बन जाने के लिए अभी संघर्षरत हैं, प्रणाम💐🙏

वन्दना सूद said

Very beautiful 👏👏👌👌ठोकरों का क्या है लगती ही रहती हैं पर जो उठ कर खड़ा होना सीख गया फिर समझो वह जीत गया 😊

कमलकांत घिरी replied

बिल्कुल ठीक कहा मैम आपने🙏 तारीफ़ के लिए शुक्रिया आपका, प्रणाम🙏🙏

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