Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

ख्वाहिशें जब मेरी

ख्वाहिशें जब मेरी बढ़ती चली गई
जरूरतें संग उनके बढ़ती चली गई

जरूरतें जो कभी न पूरी कर पाया
मुसीबतें मेरी यूंही बढ़ती चली गई

दौङता, ही रहा मैं, अपनों के लिए
ये जिन्दगी दांव पे लगती चली गई

नंगे पांव रास्तों में यूंही चलता रहा
पसीने से तर जमीं, होती चली गई

ख्याल मन में था सिर्फ अपनों का
ख्वाहिशें मेरी सब मरती चली गई

खुश, हुए नहीं कभी, ये मेरे अपने
खुश करने में ये जिन्दगी गुजर गई

जिन अपनों के लिए दौङता रहा मैं
दूरियां मेरी उन से, बढ़ती चली गई

निराशा ने हमें बहुत, घेरा है यादव
तन्हाई में जिन्दगी कटती चली गई

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

"खुश, हुए नहीं कभी, ये मेरे अपने खुश करने में ये जिन्दगी गुजर गई" Dil Ki Baat Kah Di,,,,Aisa Lag Raha Hai Meri Zindagi Par Hi Ghazal Likh Daali Hai...,,,,

Lekhram Yadav replied

सर नमस्कार, हरेक व्यक्ति को ऐसा ही महसूस होता है क्योंकि ये परिस्थिति हर व्यक्ति के साथ बनी रहती है। लाईन पसन्द आई, मुझे अच्छा लगा।

रीना कुमारी प्रजापत said

जिन अपनों के लिए दौड़ता रहा मैं, दूरियां मेरी उनसे बढ़ती चली गई.... बहुत सुंदर

Lekhram Yadav replied

मेरी प्यारी बहना, तुम्हारी यह टिप्पणी मुझे असीम प्रसन्नता का अनुभव कराती है। धन्यवाद सहित मेरा नमस्कार कुबूल कीजिए।

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन