Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

सच और झूठ - सीमा चतुर्वेदी

Apr 05, 2024 | कविताएं - शायरी - ग़ज़ल | लिखन्तु - ऑफिसियल  |  👁 30,510


चांदनी रात की चादर ओढ़े
झूठ कैसे चमक रहा
और न जाने क्यूँ
सच अंधेरे कोने में दुबक रहा
झूठ कैसे गरज गरज कर
काले बादल फैला रहा
पर उसमें बिजली बनकर
सच कैसे चमक रहा

झूठ का कितना शोर है
झूठ के साथी अनेक
सच का ना साथी कोई
सच तो है बस एक
झूठ कितना भी शोर मचा ले
फिर भी डंका देखो तो
सच का ही बज रहा

झूठों की तो नगरी है
झूठों का संसार है
सच का कोई ना साथी
झूठों की भरमार है
झूठों की इस नगरी में भी
सच अपनी जगह बना रहा

झूठ लगता बहुत ही सुंदर
झूठ बहुत ही मीठा है
सच तो है बदसूरत
सच बहुत ही कड़वा है

झूठ के तो रंग अनेक
ये हर पल रंग बदलता है
सच का बस एक रंग श्वेत
ये उसी पर कायम रहता है

सीमा चतुर्वेदी 'असीम'




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

वन्दना सूद said

बहुत सही कहा 👏👏

Vadigi.aruna said

Beautiful lines and absolutely correct sir

Devender Kumar said

the great lines and very pathetic and paradoxical interpretation of truth and falsehood make you a great poetess with human heart

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन