चुनाव हाेते यहां ऐसे
बांटते रुपये और पैसे
देते मर्द काे शराब की बाेतल
औरत काे साडी और चप्पल
बच्चाें काे कुर्कूरे और टाफी
नेता तरीका अपनाते कैसे-कैसे
चुनाव हाेते यहां ऐसे
गरीबाें काे बाेले
मेरे बहन और भाई
दिया फिर किसी काे कम्बल
किसी काे रजाई
किसी काे बीडी
ताे किसी काे दिया गुटका
मतदाता भी उसी की ओर लुढ़का
ये तरीका ठीक नहीं वैसे
चुनाव हाेते यहां ऐसे
तुच्छ से तुच्छ कार्य करते
किसी से भी ये नहीं डरते
आदमी है कैसा
देख कर भांप लेते
किसी किसी काे ये
टी.वी.फ्रीज तक देते
नेता करते बाप का राज हाे जैसे
चुनाव हाेते यहां ऐसे
दलित -गरीब बस्ती में ताे
मवेशी भी काटते
वहां भी धडल्ले से
शराब ही बांटते
इस प्रकार मत उनका पक्का है
हमारे देश के लिए यही ताे धक्का है
हमारा अरमां रह गया जैसे का तैसे
चुनाव हाेते यहां ऐसे
चुनाव हाेते यहां ऐसे.......
----नेत्र प्रसाद गौतम