आस्तीन में सांप की तरह - डॉ एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात "
लोग पल रहे हैं आस्तीन में सांप की तरह,
धोखे और फरेब की राह पर चलते हैं।
उनके चेहरे पर मुस्कान होती है,
पर उनके दिल में छुपा होता है धोखा।
वे अपने स्वार्थ के लिए किसी को भी धोखा देते हैं,
उनके लिए किसी की भावनाएं नहीं होतीं।
वे आस्तीन में सांप की तरह पल रहे हैं,
और अपने आसपास के लोगों को धोखा दे रहे हैं।
उनकी बातें मीठी होती हैं,
पर उनके इरादे गलत होते हैं।
वे अपने फायदे के लिए किसी को भी इस्तेमाल करते हैं,
और फिर उसे धोखा देते हैं।
लोग पल रहे हैं आस्तीन में सांप की तरह,
और हमें उनके धोखे से सावधान रहना होगा।
हमें अपने आसपास के लोगों पर ध्यान देना होगा,
और उनके इरादों को समझना होगा।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




