❤️❤️ग़ज़ल ❤️❤️
छोड़ऽ रूप के जाल जवानी बचत करऽ।
छोड़ऽ नैन आ बाल जवानी बचत करऽ।
रूप सुनहरा आपन ज्ञान बढ़ा देखऽ,
होखबऽ मालामाल जवानी बचत करऽ।
मात पिता कुल के मर्यादा के बूझऽ,
लमहर इहे सवाल जवानी बचत करऽ।
कंगना चुड़ी क्रिम लिपिस्टिक के छोड़ऽ
अभी उमरिया बाल जवानी बचत करऽ।
तू भारत के जान आस तूं हीं बाड़ऽ
तूं हीं देशक लाल जवानी बचत करऽ।
❤️❤️❤️
काव्य रचना
विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
Vijay Kumar Pandey

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




