अब जिन्दगी को कुछ इस तरह से जिया जाए
सिर्फ किस्मत से ही अब सब गिला किया जाए ll
हमने दोस्तों पे लुटाया है प्यार खूब जी भर कर
इन दुश्मनों से भी तो कुछ प्यार मगर किया जाए ll
हमारे वास्ते जब सारी दुनिया अजनबी है बन गई
फिर नई सी एक मंजिल का रुख यहाँ किया जाए ll
बखूबी समझते हैं साकी की तिजारत का नफा
खुमार आने तक जीभर जाम पर जाम पिया जाए ll
हमारे वास्ते तो दास सज चुके हैं मकतल सारे
आखिरी घड़ी में सलाम पेश माँ को ही किया जाए ll