राहों में मुश्किलों का घेरा हो,
मन में निराशा का अंधेरा हो।
पग-पग पर बाधाएँ आयेंगी,
हौसलों को आज़माएंगी।
पर वीर वही जो अडिग रहे,
चुनौतियों से कभी न डरे।
हर मुश्किल को अवसर जाने,
अपनी शक्ति को पहचाने।
तूफ़ान भी आकर टकराएँगे,
पर पर्वत जैसे खड़े रहेंगे।
लहरें भी शोर मचाएंगी,
पर अपनी धुन में बहते रहेंगे।
यह जीवन एक संग्राम है,
हर पल एक नया मुकाम है।
चुनौतियों को स्वीकार करो,
विजय का फिर तुम जयकार करो।
डर कर कभी न पीछे हटना,
अपने सपनों को कभी न मिटाना।
हर चुनौती में छिपी है शक्ति,
बस उसको है तुम्हें जगाना।
----टी.आदि लक्ष्मी
अनंतपुरम आंध्रप्रदेश