दिल पर जब भी गहरी चोट लगती।
तब आवाज बाहर नहीं निकलती।।
अन्दर ही अन्दर घमासान चलता।
आँसू बहने लगते दम नहीं निकलती।।
दिलासा भी जख्म पर नमक जैसा।
आह रुद जाती बाहर नहीं निकलती।।
करीबी इतनी भी अच्छी नहीं 'उपदेश'।
मजबूत दिल की सांस नहीं निकलती।।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




