मेरी खिड़की पर आज चाॅंद आया है,
संग अपने चाॅंदनी को भी लाया है।
देख इन्हें आपकी याद आ गई,
लगता है इन्हें आपने भिजवाया है।
चाॅंद वहीं रुक गया
चाॅंदनी कमरे में चली आई,
उसने मेरे रुख़्सार पर
शबनम की कुछ बूॅंदें गिराई।
चाॅंद खिड़की से देख रहा मुझे
और चाॅंदनी प्यार से छू रही है,
लगता है वो प्यार आपका लेकर आई है।
चाॅंद खड़ा मुस्कुरा रहा मेरी ओर
और चाॅंदनी थपकी दे, लोरी गा रही है,
लगता है वो आपसे किया वादा निभा रही है।
--- रीना कुमारी प्रजापत ✍️ ✍️
सर्वाधिकार अधीन है


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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