Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

आलम-ए-ग़ज़ल परवेज़ अहमद की ग़ज़ल - हम थके मुसाफ़िर को मंज़िल का पता दे दो

"ग़ज़ल"

हम थके मुसाफ़िर को मंज़िल का पता दे दो!
गर मौत ही मंज़िल है हमें जाम-ए-फ़ना दे दो!!

हम लौट के दुनिया से बड़ी टूट के आए हैं!
जीने की सज़ा पा ली मरने की सज़ा दे दो!!

तुम दिल के तालिब हो हम जान भी दे देंगे!
बदले में वफ़ा के तुम बस हम को वफ़ा दे दो!!

मैं तक़दीर का मारा हूॅं कोई शिकवा नहीं तुम से!
हो मुझ पे क़हर नाज़िल मुझे अपनी ख़ता दे दो!!

'परवेज़' इस दुनिया में जीने की नहीं ख़्वाहिश!
मरने की तमन्ना को कुछ और हवा दे दो!!

- आलम-ए-ग़ज़ल परवेज़ अहमद
© Parvez Ahmad

The Meanings Of The Difficult Words:-
*गर = अगर (if); *जाम-ए-फ़ना = मौत का जाम (a glass of mortality); *तालिब = तलबगार या चाहने वाला या इच्छुक (asking or desirous); *शिकवा = शिकायत (complaint); *क़हर = प्रकोप या आफ़त (devine wrath or calamity); *नाज़िल = आसमान से आना या पेश आना (descending or alighting or revealed); *ख़ता = क़ुसूर या ग़लती (mistake or fault); * ख़्वाहिश = इच्छा या तमन्ना (wish or desire); *हवा देना = बढ़ा देना या भड़का देना (to instigate or to provoke).




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (8)

+

शिवचरण दास said

वाह वाह. . वही मिजाजे गज़ल. .वही परवेज के तेवर

इक़बाल सिंह “राशा“ said

परवेज जी बहुत सुन्दर
आपकी ग़ज़ल एक टूटी रूह की गूंज है—जिसमें इश्क़, तक़दीर और फ़ना सब एक साथ सिसकते हैं। आपने ने दर्द को अशआर में इस ख़ूबसूरती से पिरोया है कि हर शेर जैसे दिल पर दस्तक देता है। बेहद भावपूर्ण और असरदार रचना

उपदेश कुमार शाक्यावार said

लाजवाब

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

मोहब्बत भी, शिकायत भी, और खूबसूरत दर्द भी,हर शेर में दिल को चीरता हुआ एहसास। वाकई लाजवाब रचना, बधाई,सादर अभिनन्दन।

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

तह-ए-दिल से आपका बहुत-बहुत शुक्रिया, दास जी! ❤️🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

शुक्रिया! नवाज़िश! करम! आपकी बहुत-बहुत इनायत, राशा जी! ❤️🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

आपका बहुत-बहुत शुक्रिया, उपदेश जी! मेहरबानी! ❤️🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

बहुत-बहुत नवाज़िश आपकी, मनोज जी! तह-ए-दिल से शुक्रिया आपका! ❤️🙏

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


LIKHANTU DOT COM © 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन