बात कड़वी है पर सच्ची है
कि जरूरत से ज्यादा बंदिशें
यदि इन्सान को आबाद नहीं होने देतीं
तो जरूरत से ज्यादा सुहूलतें
इन्सान को ज़िम्मेदार नहीं बनने देतीं
अनुशासन के बिना
कोई भी सफलता कामयाब हो ही नहीं सकती..
वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है