तिरछी नजरो का कमाल
समझ गया दिल का हाल
रूह की ख़ामोशियाँ बोली
धुल गया अंदर का मलाल
इशारा समझने में देर लगी
माहौल लगने लगा ख़ुशहाल
प्यार का आईना नही नजरे
भविष्य बदलने का ख्याल
सपने देखे संवरने का वक्त
हसीन लग रहा पल विशाल
नसीब बदलने लगा 'उपदेश'
उसके हौसले से उठा बवाल
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद