बाते होती है अब भी पर कम हो रही।
उनकी याद में मेरी आँखें नम हो रही।।
कहना लाजमी नही कि जरूरत नही।
उनके बगैर यह जिन्दगी बेदम हो रही।।
चाहत है कि उनको जी भर कर देखूँ।
हमारी ख्वाहिशे धीरे-धीरे कम हो रही।।
उनके अपने निर्णय ने दिल तोड़ दिया।
इस वज़ह से शायद आँखें नम हो रही।।
इंसान की फितरत बड़ी मतलबी देखी।
मूक रिश्तों की अहमियत कम हो रही।।
खून के रिश्ते भी अछूते नही 'उपदेश'।
उनमें टूट की शख्सियत अहम हो रही।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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