न जुबान में खटास थी,
न हीं चरित्र में लोचा,
ईमानदारी रग रग में,
स्वभाव बिल्कुल निर्मल,
नफरत से कोसो दूर,
मोहब्बत के बेहद करीब,
नियमित दिनचर्या के अनुयायी,
अग्रज के लिए सम्मान,
और अनुज के लिए स्नेह,
फिर भी चूक हो गयी,
निर्णय लेने में,
ज़िंदगी ने कभी अपनी लय पकड़ी नहीं..!!
#संजय श्रीवास्तव