थोड़ी सी नादानी, थोड़ी सी शैतानी,
थोड़ी सी दूसरों की परेशानी,
थोड़ी सी वो अपनी नन्ही मनमानी
कितनी खूबसूरत थी
वो बचपन की कहानी
पापा की वो प्यारी पुचकारी
मम्मी की चंदा मामा वाली कहानी
दादा की कंधे की सवारी
बुआ की मीठी सी वाणी
बचपन की वो प्यारी सहेलियाँ
उनके संग गुड्डे गुड़ियों की कहानियाँ
कभी उनके संग झगड़ना
कभी रूठना, कभी मनाना
थोड़ी देर में सारी रंजिशें भूलना
याद रहती थी केवल वो प्यारी सहेलियाँ
बड़ों के संग बैठकर यूँ बातें बनाना
नन्ही सी गुस्सा आ जाने पर रो देना
फिर सबका वो झूठा धमकाना
और भूतों के डर से चुप हो जाना
तब मन बिल्कुल निश्छल और स्वच्छ था
न कोई रंजिशें ,न कोई साजिशें
केवल थी वो नादानी और मासूमियत
सच में सबसे खूबसूरत थी
अपनी बचपन की कहानियाँ...
----अनामिका

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




