अल्हड सी उम्र में समझदारी इतनी।
जो चाहिए मुहैय्या करा दे बस उतनी।।
पता ही नही चला कब कैसे ठगी गई।
पढ़ने लिखने की पूर्ती भर हो इतनी।।
गाँव की तुलना में शहर की व्यवस्था।
खुली मानसिकता में आजादी इतनी।।
प्रेम को भगवान का आशीर्वाद माना।
सम्भली नही 'उपदेश' कमजोरी इतनी।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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