चिता में लगेगी जब तेरी आग,
जलकर हो जाएगा, खाक ।
एक छोटी लुटिया में,
तू समां जाएगा।
बस यही तेरी पहचान होगी,
तेरी दौलत शोहरत को भोगने वाला,
ना होगा कोई।
तब तेरी आत्मा भी रोएगी।
जिसके लिए,तूने चूसा खून गरीबों का।
उन आत्माओं का हिसाब होगा, यूं ही।
अरे !ओ नादान,
क्यूं करता है अभिमान।
झूठी है, तेरी आन बान शान।
हाय गरीबों की तुझे लगेगी।
तेरी आत्मा भी,
तेरे शरीर से तड़प तड़प के निकलेगी।