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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

इक छोटी सी कोशिश भी

कापीराइट गीत

इक छोटी सी कोशिश भी, बिगड़ी बात बना देगी
ये छोटी सी कोशिश भी, मंजिल तक पंहुचा देगी


लक्ष्य चुनो पहले अपना फिर बातें उससे करना
नया सोचना नया सीखना नई-नई बातें करना
ये तेरी कोशिश तुझको मेहनत करना सिखला देगी
इक छोटी सी .......................


राह दिखाएगी कोशिश सबको अपने सपनों की
आगे तुम बढ़ते जाना सुनकर आहट कदमों की
तेरी ये छोटी सी कोशिश जीवन सफल बना देगी
इक छोटी सी ........................


जब घोर निराशा छा जाए माथे पे पसीना आ जाए

नहीं बैठना तू थक कर जब तक न मंजिल मिल जाए

बार-बार करना कोशिश एक राह नई दिखला देगी
इक छोटी सी ........................

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (9)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

बहुत खूब 🙏प्रणाम कोशिश में ही सब कुछ है कोशिश के बिना कुछ नहीं

Lekhram Yadav replied

सुप्रभात मेरी प्यारी बहना। हम तो कोशिश कर ही रहे हैं अब आप भी कोशिश करते रहना। प्रतिक्रिया के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

अर्पिता पांडेय said

Bhaut badhiya sir ji

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित नमस्कार अर्पिता जी

फ़िज़ा said

Bilkul sahi kha...kosiso se hi kam bnte hain. Brna sirf vichar krna kisi kam ka nahi ha. So try try and then get success.

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित नमस्कार फिजा जी। हम चाहते हैं ये कोशिश हर कोई करे ताकि वह कहीं भी असफल न हो।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Uttam rachna pranaam sweekar karein Yadav Sir, preranatmak rachna avashya hi sab sambhav h sirf ek koshish Matra se

Lekhram Yadav replied

सर धन्यवाद सहित नमस्कार। मेरी तो पूरी कोशिश रहती है कि मैं आपका आशिर्वाद लेने के लिए आप तक पहुंच जाऊं लेकिन आप तो किसी दिन दूज का चांद बन जाते हो और कभी ईद के चांद बन जाते हो। मैं आप तक कैसे पहुंच बनाऊं, ये आप ही बताइए। आपकी ये 48 घंटे की अनुपस्थिति कैसे फाइल होगी और इन दो दिनों की हमने जो गजल आपके लिए लिखी वो कौन पढ़ेगा सर जी। मन तो कर रहा है आपको एक कारण बताओ नोटिस जारी कर दूं। मगर किस हैसियत से नोटिस दूं यह समझ नहीं आया। उधर गब्बर भी रीना मैम की हिरासत में है।क्या करू.....

ताज मोहम्मद said

ये सत्य है कि कोशिश के बिना कुछ नही। बहुत ही अच्छी सीख देती रचना हर किसी को इसे पढ़ना और अमल करना चाहिए।

Lekhram Yadav replied

आदाब अरज है ताज भाई। आपने सही फरमाया है । कोशिश करने से बड़ी बड़ी समस्या भी हल हो सकती है। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

Vadigi.aruna said

Very nice bahut sundar prastuti Kiya aapne

Lekhram Yadav replied

आदरणीय अरूणा जी धन्यवाद सहित आपका स्वागत है। मेरी छोटी सी कोशिश ने आखिर आपको मुझ तक आने के लिए प्रभावित कर ही दिया। मैं आपका दिल से आभार प्रकट करता हूं। नमस्कार।

रीना कुमारी प्रजापत said

बिल्कुल सही कहा आपने लेखराम भाई अशोक भाई के लिए दूज का चांद, ईद का चांद और बाकि सब.......

Lekhram Yadav replied

आपकी कृपा है मैरी प्यारी बहना। आपका बहुत-बहुत आभार और धन्यवाद।

Jivani Sharma said

Kosis krna bahut jaruri ha...bina kosis kiye aap kuch nahi paa skte. Well said sir

Lekhram Yadav replied

जीवानी गर्ग जी सुप्रभात और अपनी इस छोटी सी मोहब्बत की दूकान में आपका स्वागत और अभिनन्दन है। बिना कोशिश तो ये दुकान भी न खुल पाती । यहां पधारने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

मोहन कुमार said

जब घोर निराशा छा जाए माथे पे पसीना आ जाए नहीं बैठना तू थक कर जब तक न मंजिल मिल जाए bahut sundar or preranaprad panktiyan evam rachna.

Lekhram Yadav replied

सर आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद।

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