क्या कयामत है किसके चेहरे पर लट्टू हुए।
मेरे नाम से बुलाती नही हम उसके बिट्टू हुए।।
उसकी आँखो में समुन्दर देखकर रोना आया।
समझ में आ गया उसको जिसपर लट्टू हुए।।
उसकी आँखे कुछ कम न थी मेरे लिए 'उपदेश'।
इशारा मिल न सका उसका जिसपर लट्टू हुए।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद