भला एक दिन होकर कौन सा तेरा हो गया,
तेरा होकर भी कौन सा मेरा भला हो गया,
तुझे दिन में देख कर कौन सा रात को सो गया,
भला तो मेरा दिन था जो पूरा हो गया,
आंखों में आंसू लिए क्यों रोता तेरे लिए,
न जाने कब यह भी मेरे से तेरा हो गया,
भला मेरी आंख का भी है,
वो भी सूखा सा हो गया,
तू रहने दे,
यह कहना सदा से हो गया,
मैं तेरा हो गया तू मेरा हो गया,
कहानी का हिस्सा था,
किसका था किसका हो गया।।
- ललित दाधीच