प्रभु !!
आप इतने दयालु हैं कि
हमारी तुच्छ अर्चना से भी रीझ जाते हैं
और हम इतने में ही अहम् कर लेते हैं
सोचने लगते हैं अपने को परम भक्त
हमारी अहम् भरी अर्चना को स्वीकार करने वाले आप श्रेष्ठ हैं
हम पर ऐसी कृपा कीजिए कि
हम सहज हो जाएँ
और आपकी भक्ति करते हुए कभी तृप्त न हो पाएँ..
वन्दना सूद