किसी ओर ध्यान लगाने की क्रिया,
कुछ कर गुजरने की चाह,
केंद्रीय तंत्रिका प्रणाली,
शायद हर किसी के पास है।
फिर भी बहुत कुछ सहना पडता,
पेड की तरह झूमना पडता,
हवा की तरह चलना पडता,
और भी बहुत कुछ एहसास है।
हर क्रिया के बराबर और,
विपरीत प्रतिक्रिया से गुजरना पडता,
सफल वही हुआ 'उपदेश',
जिसने संयमित कर लिया पास है।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद