विचारधारा और विज्ञान की दो महान धाराएँ
इतिहास की अमर विभूतियाँ
एक विचारों का क्रान्तिकारी
दूसरा विज्ञान का तपस्वी था।
एक ने आज़ादी की मशाल जलाई
केन्द्रीय सभा में बम गिराया —
अंग्रेज़ों को जगाने को
जन-जन को उठाने को।
दूजे ने रेगिस्तान जलाया
परमाणु की अग्नि बरसाई
हिटलर को रोकने की आशा में
संसार को बचाने की चाह में।
एक ने हँसते-हँसते फाँसी पाई
बलिदान की मिसाल बनाई
दूजे ने परमाणु बम बनाया
पर जीवन भर पश्चाताप पाया।
एक ने स्वराज़ का सपना देखा
आज़ादी का सन्देश फैलाया
पर उसकी आत्मा अब रोती है
जब भारत नैतिकता-विहीन बनता जा रहा है।
और दूसरा —
जिसने मानवता को हिटलर से बचाया
अब उसी मानवता के अन्त से घबराया
उसे डर है कि उसका ज्ञान
न बन जाए कहीं विनाश का विधान।
दो अमर प्रतीक —
एक क्रान्ति का, एक विज्ञान का
एक त्याग का, एक पछतावे का
जो जग को दे जाएँ सन्देश महान।
~ प्रतीक झा 'ओप्पी'

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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