हे प्रभु श्री राम...
ह्रदय बस तुमको सुमिरता है,,,
तुम्हारी भक्ति में लीन रहता है!!!
रामायण का प्रत्येक पाठ,,,
बड़ा आनंदित करता है!!!
तेरी लीलाओं का वर्णन करता है।।
हे रघुकुल श्री राम...
मेरा रोम रोम,,,
तुमसे प्रेम करता है!!!
ये तुच्छ भक्त सम्पूर्ण जीवन,,,
तुमको समर्पित करता है!!!
तेरे स्मरण मात्र से ही अंधेरे,,
मन में दीप प्रज्ज्वलित होता है!!!
हे सियापति श्री राम...
इस व्याकुल व्यक्ति की व्यथा सुन लो,,,
मेरे सम्पूर्ण दुखों को हर लो!!!
तुम निवारण कर्ता हो,
तुम ही विघ्न हर्ता हो,
वीरों में वीर योद्धा हो,,,
तुम ही विष्णु,तुम ही महेश
तुम ही ब्रह्मा हो!!!
हे पुरुषोत्तम श्री राम...
तुम प्रेम की बहती,,,
अविरल नदियां हो!!!
तुम क्षण,रात्रि,दिन,माह,वर्ष,,,
और तुम ही सदियां हो!!!
तुम मोक्ष प्राप्ति के कारक हो,,,
क्षण प्रतिक्षण तुम खुशियों के वाहक हो!!!
हे रखुनंदन श्री राम...
हम पर अपनी दया करो,,,
हम पापी है तुम हमको क्षमा करो!!!
ताज मोहम्मद
लखनऊ

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




