मेरे दिल का सही हाल समझने वाले।
बेहाल कर रहे मेरा जमीर जानने वाले।।
पल गुजारना चाहता याद में डूब कर।
तेरे खातिर दिल के झरोखे में रहने वाले।।
जानता तेरी शख्सियत ऐसी वैसी नही।
उसी के खातिर दिल से दुआ करने वाले।।
गम न होता 'उपदेश' गुजर जाती रात।
बेसहारा न होते यहाँ ग़ज़ल लिखने वाले।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद