सियासते नी मेरिये,
मुश्किलां दी ढेरिए ,
संसद दी कंटीली राहें,
दिल्ली कितनी दूर ?
चुनावी तबेला नींद है हराम ,
प्रत्याशी झमेला नेता परेशान,
मदमस्त है आयाराम गयाराम,
टोपी लंगोटी विभिन्न सुबह शाम !
जोड़ तोड़ निचोड़ के हथकंडे,
तिकड़मी नेता समर्थक है गुंडे,
बाहुबली फौज लिए सरकंडे,
गले में पताका हाथों में झंडे !!
भूमिगत नेता पंचवर्षीय दर्शन,
छलाबी वायदे जन -आकर्षण,
चुनावी पटडियां कृत्रिम घर्षण,
बनेंगे सांसद घूमेगा चक्र सुदर्शन !
✒️ राजेश कुमार कौशल