जनता की रहनुमाई में
क्या क्या न हो रहा है
कोई सबसे बड़ा हिंदू
तो कोई मुसलमां बन
रहा है।
इंसान के हैं बच्चें सभी
ये सब जानतें हैं
पर इंसानियत को छोड़ सब हैवान
बन रहें हैं।
शांति से ड्यूटी
बेरोजगारी से छुट्टी
महंगाई को पीला दे कोई
कमाई की घुट्टी
बस यहीं सबकी चाहत है।
सरकार वही बने जिससे
दिल को राहत है।
राजनीति के नाम पर अब
बस हिंदू मुसलमां हो रहा है
और इलेक्शन के बाद
कोई किसी को भी न पूछ रहा है।
बस जनता भाग रही और नेता हांक रहा है..
बस जनता भाग रही और नेता हांक रहा है...

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




