बहरारे वाली माता
बहरारे वाली देवी मां,शिला से बाहर आ मेरी मां।
दर्शन देने को मेरी मां,शिला से बाहर आ मेरी मां।
नौ रूपों में से माता इक तो दिखा दे,
अंखियों में अपनी प्यारी सूरत बसा दे।
जीभर के देखा करूं मां,शिला से बाहर आ मेरी मां।
भवनों में आती मैया खुशबू तुम्हारी,
हवनों में बन जाती आकृति तुम्हारी,
अब तो प्रकट होने मां,शिला से बाहर आ मेरी मां।
अपने आंचल में मैया मुझको छुपा ले,
अपनी गोदी में मैया मुझको बिठा ले।
तू मेरे सिर पै रखने हाध,शिला से बाहर आ मेरी मां।
दुर्गे कहूं मां तुझको या मैया काली,
ऊंचे पहाड़ों की तू रहने वाली,
मेरे भी घर में रहने मां,शिला से बाहर आ मेरी मां।
गीतकार अनिल भारद्वाज एडवोकेट उच्च न्यायालय ग्वालियर मध्य प्रदेश

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




