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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

तेरी यादों में

तेरी यादों में अक्सर वक्त छत पर गुज़ारा करते हैं(2)
कुछ लिखा तो कुछ गुनगुनाया करते हैं।

तेरी यादों में दिन में चैन नहीं होता
रातों में नींद नहीं होती (2)
तुझे सोचते-सोचते कब रात गुज़र जाती
ये ख़ुद हमें ख़बर नहीं होती।।

तेरी एक झलक देखने को बरसों से बेचैन थे(2)
आज वो बेचैनगी ख़त्म हो गई
आज मुलाक़ात जो तुझसे हो गई।

तेरी ममता की छांव में आज मैं सो जाना चाहती थी(2) पर तू भी मुझपर अपनी ममता लुटायेगी
तेरे मुंह से मैं ये सुनना चाहती थी।।
✍️ रीना कुमारी प्रजापत ✍️






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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

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Lekhram Yadav said

वाह मेरी बहना तुम ने मां और उसकी ममता का बखुबी वर्णन किया है। आपको हार्दिक प्रणाम।

रीना कुमारी प्रजापत replied

बहुत बहुत शुक्रिया भय्या 🙏 आज मेरी बुआ मां का जन्मदिन है ये दोनो poem उन्हीं को dedicat है

ताज मोहम्मद said

बहुत ही सुंदर प्रस्तुति शानदार रचना।

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया जी

Komal Raju said

Bahut bdiya...pyar bhara samarpan.

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया जी

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut sundar prastuti, kamaal ka likha hai Mam, dandvat pranam 🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया 🙏 प्रणाम

कमलकांत घिरी said

वाह रीना दीदी क्या खूब लिखा है.. जब अपनों से दूर हो तो अपनों की याद में नींद नहीं आती, बहुत सुंदर रचना 🙌👏🙏।।प्रणाम।।

रीना कुमारी प्रजापत replied

thanku so much Bhai

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