तू गिरते- गिरते,
गिर गया इतना।
पाप करते-करते,
धंस गया दलदल में कितना।
धरती, गगन ,पाताल,
कहां छुप पाएगा।
अंत समय निकट है,
सुदर्शन चल ही जाएगा।
घोटाले बाजों की सूची में,
नाम तुम्हारा भी है शामिल।
अंकी इंकी डंकी लाल,
लटके हुए पाओगे।
ईश्वर के घर,
देर है अंधेर नहीं।
फंदा बना तूने,
स्वयं ही टिकट कटवाई।