दोस्ती को जिन्दा रखिये,
दो क़दम आगे बढ़ाकर !!
दोस्त रहेंगे जिन्दाबाद ,
मानो तो सही !!
अकाल अब अनाज का नहीं,
अकाल अब होटलों का नहीं !!
अकाल है अब सिर्फ दोस्तों का,
इसे बचाओ तो सही !!
चार दोस्त चाहिए,
सिर्फ जिन्दा रहने के लिए ही नहीं !!
ये न भूलो इक दिन जाना भी है,
इस खूबसूरत अहसास को,
सँभालो तो सही !!
सिर्फ कहने तक सीमित रह गई है,
दोस्ती अब तो !!
निभाने की हसरतें धूमिल,
हुई अब तो !!
खालीपन का अचूक इलाज है दोस्त,
इक बार सोचो तो सही !!
वेदव्यास मिश्र की अहसास भरी कलम..
https://youtu.be/M1J7zuv8JGY?si=Z8yRaZyH3IIcFRhI
☝इस लिंक में है एक गिफ्ट..
जो सिर्फ आपके लिए है 🙏💝💝🙏
इस गिफ्ट पैक लिंक में है ..
रीना कुमारी प्रजापत जी की
शानदार गज़ल और मेरी आवाज़ !!
दोस्तो,
नमस्कार सुप्रभात !!
बताइयेगा ज़रूर, यह रचना कैसी लगी
आप सभी को !!
सर्वाधिकार अधीन है