मन की चाह
जो भी हो लेखक, गायक, पेंटर
कुछ भी हो,अपने लिए
अपने जिंदगी के लिए खास हो सकते
वो अपने लिए लक्ष्य के साधन भी हो सकते
पर आवश्यकता जैसे बदलाव लाता है कि
इंसान के मन में जो भी हो
बाहर फेंकना पड़ेगा
क्योंकि आवश्यकता किसी को भी बदल सकते
जिंदगी ऐसा खत्म मत होने दो
क्योंकि वैसी जिंदगी में आशा नहीं रहेगी
इसलिए अपने लिए थोड़ा वक्त रख लो
वही वक्त तुम्हें जिंदा रहने के आशा दिलाती
तभी से हमारे दुनिया स्वर्ग बन जाते हैं ॥

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




