हमारी कलम
कहानी,कविता,गज़ल,शायरी
जीवन के तजुर्बों से लिखते चले गए
कुछ आँखों देखी दृश्य लिखे
कुछ कानों सुनी भावनाएँ लिखीं
कभी अपनी आपबीती लिखी
तो कभी दूसरे की आपबीती लिखी
जो राह संसार ने दिखाई
उन्हें काव्य का रूप दे दिया
हमारी रचनाओं से कभी अपना दिल न दुखाना
जो नज़र में आया जो दिल को भाया
वही शब्दों में पिरो दिया..
हम सब एक ही पथ के पथिक हैं
न कोई अच्छा ,न कोई बुरा सब सर्वश्रेष्ठ
भावनाओं को कलम से उतारने में माहिर
सब खेल तमाशे मन के हैं
जो न जाने कौन कौन सी राह ले जाए
हम सबने खूबसूरत एक हुनर है पाया
अपने शब्दों से सबके दिल को छूने की ताक़त
तो क्यों न ?
मिलकर सबके सोए हुए जज़्बात जगा दें
यदि कर्म मिला है ऐसा
तो क्यों न ?
सारे जगत में प्रकाश फैला दें ..
वन्दना सूद