डॉ एच सी विपिन कुमार जैन"विख्यात"
चिता जलेगी तेरी भी,
उसी शमशान में।
खा गया उसका जीवन तू,
मासूम सा चेहरा दिखाने वाला
बढ़ा ही अत्याचारी है
गिरगिट की क्या पूछो
रंग बदलने में
हिटलर शाही दिखा दिखा कर
अपने खाते में रुपया जमा कराता है
मागोंगे रसीद
ठेंगा दिखलाता है
सुना है आया है ऐसा जांच अधिकारी
नाक रगड़़वा रहा है
कितना किया है अंदर
रजिस्टर मंगवा रहा है
बेचारा भागता फिर रहा है
सड़क पर पड़ा चिल्ला रहा है
उन दोनों को भी बुलवाइए
उनके थैलों को भी खुलवाइए