न डरो पागलपन करने से
पूरी जिंदगी जवानी बन जाएगी,
वरना एक खूबसूरत कहानी बन जाएगी।
पागलों के बीच,
पागलपन की रवानी बन जाएगी,
या फिर मुर्दों के बीच,
प्रेतों की निशानी बन जाएगी।
क्या पता जंगलों में कोई,
बागवानी बन जाएगी,
या बच्चे कल जिस आसमान को ताकेंगे,
उसकी आसमानी बन जाएगी।
आने वाली कुरबानियो के खातिर,
एक छोटी सी कुर्बानी बन जाएगी
या सदियों तक रोती - बिलखती
आंखों का पानी बन जाएगी।
ये जवानी बड़े काम की है जवानों,
इसे पागलपन से भर दो वरना ये गाभिन, बुद्धिजीवियों की बुद्धमानी बन जाएगी।