आत्म शक्ति
डॉ. एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
आत्म शक्ति, वह अनमोल खजाना,
जो हर इंसान के भीतर है समाना।
जब यह जागती है, तो असंभव भी,
लगता है जैसे हो कोई आसान सा फसाना।
यह वह लौ है, जो अंधेरों में जलती,
हर मुश्किल घड़ी में संबल बनती।
जब दुनिया कहे 'अब नहीं हो पाएगा',
यह भीतर से कहती है, 'अभी तो है जमाना'।
आत्म शक्ति से ही पर्वत झुकते हैं,
सागर भी अपनी सीमाएं समझते हैं।
यह संकल्प की वह अटूट डोरी है,
जो मुश्किलों के तूफ़ानों में भी नाव खेना सिखाती है।
मत खोज इसे बाहर की दुनिया में,
यह तो बैठी है तेरे ही अंतर में।
बस एक बार झाँक अपने भीतर,
और पहचान इस अद्भुत शक्ति को अपना।
जब तू जान जाएगा इसका महत्व,
हर चुनौती लगेगी एक नया उत्सव।
आत्म शक्ति ही तेरा सच्चा साथी है,
जो दिलाएगा तुझे हर लक्ष्य और वैभव।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




