अब अस्तित्व को बचाने की चुनौती है,
इंसानियत और इंसान को बचाने की चुनौती है,
सदियों से कुदरत से खिलवाड किया हमने,
अब हमे महाप्रलय से अपने आप को बचाने की चुनौती है,
कुछ समय सोशल मीडिया को छोड़ कर
अब नए पेड़ लगाने की चुनौती है,
जो कुदरत ने निशुलक दिया हमें उसकी भी एक सीमा है,
अपनी अगली पीढ़ी को अगर देना है हवा पानी,
सिर्फ कुदरत के संतुलन बनाने की जरुरत है,
कोरोना में जो हमने ऑक्सीजन खरीदी,
क्यों इसको बार-बार दोहराने की जिद है,
अगर चाहते हो कि परिस्थितयां और भी गंभीर ना हो जाए,
इसलिए हर घर से पर्यावरण में योगदान की चुनौती है,
योगदान की चुनौती है,
कृपा पर्यावरण को बचाएं और अपने बच्चों का भविष्य बनाये,
और अपने बच्चों के नाम से एक पेड़ जरूर लगाएं,
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




