अपने “मैं”को हम में बदल लीजिए
थोड़ा ही सही
नज़रिए की अपने बदल लीजिए
थोड़ा सा ही सही
दूसरे के नज़रिए को भी अपना लीजिए
ज़िन्दगी यूँ ही नहीं उलझती
“मैं”के जुनून से ही बिखरती है
हम और तुम को भी अपना लीजिए
बिना किसी श्रम के ही ज़िंदगी निखर जाएगी !!
वन्दना सूद