सोन चिरैया
डॉ. एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
सोन चिरैया, तू उड़ती कहाँ,
तेरी सुनहरी पंखों की है शान।
वन-उपवन में तेरा बसेरा,
मीठी आवाज़ से भर दे जहान।
तेरी चोंच में दाना छोटा सा,
उम्मीदों का तू भरती उड़ान।
स्वर्ण सी आभा तेरी तन पर,
प्रकृति की तू अद्भुत पहचान।
कभी इस डाली, कभी उस डाली,
उड़ती फिरती तू आज़ाद।
बंधन कोई तुझको न भाए,
अपनी धुन में तू सदा आबाद।
तेरी चहचहाहट में जीवन का रस,
हर सुबह तू नया संदेशा लाए।
आज़ादी का तू प्रतीक है सुंदर,
मन को हरदम तू हर्षाए।
सोन चिरैया, तू प्यारी सी चिड़िया,
तेरी सुंदरता मन को भाती।
उड़ती रहना तू ऐसे ही हमेशा,
तेरी उड़ान ही जीवन गाती।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




