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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

संभलकर रहना इस दुनियां में भैया जिसको भी इश्क़ की चुल है....

भेजा था फुल वह फ़ूल समझकर रख ली
मैनें समझा वह भी है मेरे प्यार में फुल है,
पर मैं फ़ूल था जो फ़ूल को फुल समझ बैठा।
उस नाजनीन के इशारे को समझे बिना
इस डाली से उस डाली तक उझल बैठा।
बिना कुछ समझे सब समझ बैठा।
जब आंख खुली तो बंद भी ना कर पाया।
उस हसीना के हसीन सपनों से उबर ना पाया।
बड़ी मुश्किल है समझना लोगों की अंदर की बात।
आदमी बन बैठा बंदर की जात।
चलता रहा बना के ठाट बाट
पर लगी जब जोड़ों की चाट
तो चाट का सवाद समझ आया।
बिना समझे समझने की आदत से भैया तत्काल निकल आया।
भाई संभलकर रखनी पड़ती है अज़काल
इश्क़ के फटे में टांग।
नहीं तो लोग देते है अक्सर लोगों को टांग।
आजकाल प्यार व्यार कुछ नहीं
सिर्फ़ नजरों की घर्षण है।
बस कुछ पल के लिए आकर्षण है।
जो नयन सुख पा आगे बढ़ा
वह बच निकला।
जो जज्बाती हुआ समझो वो फस गया।
भैया आजकल सारी गाडियां फुल है।
बच कर चढ़ना उजाले में बत्ती गुल है।
एक्सीडेंट होने की चांसेज फुल है।
इसीलिए तो कहतें हैं बाबू...
संभलकर रहना इस दुनियां में
जिसको भी बार बार इश्क़ की चुल है ...
संभलकर रहना भैया मेरे जिसको भी
इश्क़ की चुल है.......




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

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Shyam Kumar said

Sach kha..

Muskan Kaushik said

बहुत हास्य जनक प्रस्तुति

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