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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

अहम् आज वक्त से हार गया

‘अहम्’आज वक्त से हार गया
इमारतें शोर मचाती रहीं,
आवाज़ें दीवारों से टकराती रहीं,
पूछती रहीं -
“आज सन्नाटा क्यों छाया है?”
पलट कर कोई जवाब नहीं आया।
घबराकर फिर से पूछा-
आज लड़ते झगड़ते रिश्ते क्यों नहीं सताते?
रूठने मनाने के सिलसिले क्यों नहीं गुदगुदाते?
झूठ फरेब के राज़ अब हमें क्यों नहीं बताते?
तब चुप्पी ने कहा-
“अहम् आज वक्त से हार गया।”
धन जो वर्षों संजोया गया-वह सब यहीं रह गया।
प्यार ,नफ़रत,नाराज़गी ,रिश्ते-नाते सब यहीं दफ़न हो गया।
न तन,न तन की ख़ूबसूरती- कुछ भी साथ नहीं ले जा पाया।
मान सम्मान में उलझा हुआ इंसान,
आज बस एक सफेद चादर में लिपटकर चला गया।
इमारतें खड़ी रह गयीं,
कारवाँ चुपचाप गुज़र गया..
वन्दना सूद


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह। खूबसूरत रचना। जीवन की यथार्थता का सुंदर चित्रण।👌👌🙏 अहम् को एक दिन हारना ही होता है, सबको सफेद चादर में एक दिन जाना ही होता है।

वन्दना सूद replied

🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

क्या बात है! सच में, अहम् आज वक़्त से हार गया, पढ़कर रूह कांप गई, शब्दों में गहराई भी है और सच्चाई भी।
आदरणीय Mam, को सादर प्रणाम 🙏🙏

वन्दना सूद replied

सादर प्रणाम अशोक जी 🙏🙏

इक़बाल सिंह “राशा“ said

वन्दना जी
कुछ पंक्तियाँ समय की गर्द से उठती हैं… और सीधे आत्मा को झकझोर देती हैं ये भी आपकी वैसी ही कविता है।बहुत खूबसूरत लाजवाब

वन्दना सूद replied

शुक्रिया sir 🙏🙏

शिवचरण दास said

बहुत बेहतरीन वंदनीय रचना

वन्दना सूद replied

🙏🙏

शिल्पी चड्ढा said

वाह! दिल को छू लेने वाली रचना|

वन्दना सूद replied

🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत said

Heart touching

वन्दना सूद replied

🙏🙏

उपदेश कुमार शाक्यावार said

दिल में उतर गई रचना...और कारवाँ चुपचाप गुज़र गया..वाह वन्दना जी बहुत खूब 🙏🙏

वन्दना सूद replied

शुक्रिया sir 🙏🙏

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